इस भीषण महामारी के दौर में बहुत सरे लोगों के रोजगार ठप्प पड़े हुए हुए हैं वही कई लोगों की नौकरियां भी जा चुकीं हैं। यदि बात करें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर की जो की पूर्वांचल का एक बहुत ही अहम् शहर है यहाँ के युवाओं के सामने रोजगार की चिंता हमेशा से ही रही है। यहाँ के लोग कामकाज के चक्कर में हमेशा बड़े शहरो की तरफ ही जातें है क्युकि इनके सामने हमेशा यह समस्या रहती है कि इनके अपने शहर में रोजगार का अभाव होने और सही सैलरी न मिलने कि वजह से ऐसा कदम उठाना पड़ता है।
देखिये कैसे बनती हैं बोतल ?
पूर्वांचल क्षेत्र के युवा हमेशा यह सोचते हैं कि अगर उनके शहर में अच्छी नौकरी मिले तो वे क्यों दूसरे शहरो में जायेंगे , आजीविका के तलाश में। तो आपको बता दें कि आपलोगो कि यह मुश्किल काफी हद तक कम होने वाली है। क्युंकि गोरखपुर विकास प्राधिकरण ( गीडा ) में एक बड़ा निवेश होने जा रहा है, जी हाँ यहाँ पर Coca -Cola कंपनी ने निवेश के लिए प्राधिकरण से बात कि है। कंपनी ने प्राधिकरण से 32 एकड़ जमीन कि मांग कि है जिसमे वह बॉटलिंग ( Botteling ) कि फ़ैक्ट्री /प्लांट लगाएगी।


कितना है निवेश का प्लान ?
अब बात करते है कि यह कंपनी यहाँ पर कितना निवेश करेगी ? बता दें कि पहले चरण में कंपनी ने 250 करोड़ निवेश का प्लान तैयार किया है जिसमे से 50 करोड़ क्रॉकरी के प्लांट पर और 200 करोड़ बॉटलिंग के प्लांट पर लगेगा , और अगर बात करें जमीन के रेट्रो कि तो यह अंतिम चरण में है। गीडा में निवेश के लिए कई सारी बाहरी कंपनियां इच्छुक है जिन्होंने आगे चलकर यहाँ निवेश कि इच्छा जताई है। Coca -Cola कंपनी सीधे प्लांट स्थापित नहीं करती बल्कि यह फ्रेंचाइजी के बेसिस पर कम करती है। इस कंपनी का एक प्लांट अयोध्या ( फ़ैजाबाद ) में पहले से ही स्थापित है और गीडा गोरखपुर में भी लगाने के लिए इच्छा जाहिर कि है।
कहाँ पर मिलेगी जमीन?
प्लांट स्थापित करने के लिए कंपनी ने 32 एकड़ जमीन कि मांग कि है और इस पर जेड के सीईओ से भी बात हो चुकी है। गीडा के भीटी रावत में जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया है। कंपनी के प्रतिनिधि जमीन भी देख आएं हैं और इसके लिए सहमति भी दे दी है। जमीन के रेट की बात भी अंतिम चरण पर है। गीडा प्राधिकरण का कहना है कि यह भी जल्द ही निर्धारित कर लिया जायेगा कि जमीन किस रेट में दी जाये। खबर यह भी है कि रेट में शहूलियत देने के लिए इसमें केंद्र सरकार को भी शामिल किया जा सकता है।


कितने लोगों को मिल सकती है नौकरी ?
किसी भी कंपनी या फैक्ट्री में काम करने वालो के लिए योग्यता के अनुसार कई पद होते हैं। इसी योग्यता के अनुसार ही लोगों को अलग -अलग पद पर काम दिया जाता है। अगर एक प्लांट कि बात करें तो काम से काम 1500 से 2000 लोग काम करते हैं।
गोरखपुर के निवासी उद्यमी ने दिया हैं यह प्रस्ताव
क्रॉकरी के फैक्ट्री के लिए गोरखपुर के मूल निवासी मुंबई के उद्यमी राजीव अग्रवाल ने गीडा सीईओ को प्रस्ताव दिया है। उन्होंने यह फैक्ट्री लगाने के लिए प्राधिकरण से 3 एकड़ जमीन कि मांग कि हैं। बता दें कि इनका परिवार गोरखपुर के आर्यनगर के रहने वाले हैं जिनका परिवार अब मुंबई में रहता हैं। राजीव का खाना हैं कि परिवार कि मूल निवास गोरखपुर होने के कारण गीडा में फैक्ट्री लगाना उनका बहुत पहले का सपना कि था वह गोरखपुर के युवाओं के लिए उनके ही शहर में रोजगार का अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा हैं कि यदि गोरखपुर विकास प्राधिकरण का साथ मिला तो वह गीडा में बहुत ही उच्च लेवल कि फैक्ट्री स्थापित करेंगे और पूर्वांचल के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को उनके अपने ही शहर में रोजगार करने का अवसर प्रदान करेंगे ।
अग्रवाल जी के अनुसार गीडा सीईओ को प्रस्ताव कि कॉपी भेज दी गई हैं और इस पर प्राधिकरण ने मंजूरी भी दे दी हैं जैसा कि आपको ऊपर बता दिया गया हैं कि प्राधिकरण ने 32 एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया हैं और जल्द ही फैक्ट्री लगने का कार्य शुरू हो जायेगा।
अयोध्या राम मंदिर कि नीव में गोरक्षधाम कि मिटटी व् राख –


अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले श्रीराम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में गोरक्षधाम की मिट्टी और अखंड धूनी की राख को भी शामिल किया गया हैं । मिट्टी और राख लेने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता रामलला की झांकी के साथ बुधवार को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने पूरे विधि-विधान के बीच राख और मिट्टी उन्हें सौंपी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने श्रीराम का जयकारा लगाकर पूरे मंदिर परिसर को राममय बना दिया।