सोना एक ऐसा धातु है जिसके कारण ही बड़े बड़े देशों की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है। और यह एक ऐसी धातु है जिसका प्रचलन एकाकी आर्थिक स्थिति दिखाने के लिए भी बहुत ही ज्यादा है। इसके आभूषण आज से नहीं बल्कि अनादि से प्रचलन में है। पुराने युगो में भी इसके आभूषण राजाओं और रानियों की शोभा को बढ़ाते रहे हैं। अगर बात करें आज के दौर की तो आज भी इसकी लोकप्रियता काफी अधिक है। भारत देश की खासकर महिलाये सोने से कुछ ज्यादा ही प्रेम करती है। करीब करीब हर एक शादी ब्याह में सोने के आभूषण अवश्य बनवाए जातें हैं।
अपनी इसी लोकप्रियता या यूँ कह लीजिये की डिमांड की वजह से इसके रेट में लगातार बदलाव देखने को मिलता रहता है। अगर इस समय की बात करे तो सोना तो आसमान छू रहा है। जिसकी वजह से लोगो में इसको लेकर काफी परेशानी है। और शायद बहुत से लोग यह सोच रहे होंगे की आखिर सोने का रेट इतना ज्यादा क्यों बढ़ रहा है?
तो यह लेख इसी लिए है की आप सभी को पता चले की आखिर सोना का रेट किन – किन कारणों की वजह से बढ़ता घटता रहता है ?
तो आइये बिना ज्यादा समय लगाए जानते है की आखिर ये कौन कौन से कारण है जिसकी वजह से सोने का मूल्य इतना बढ़ रहा है की आम आदमी की पहुंच से दूर निकलता जा रहा है।
प्रथमेश माल्या जो की एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के एवीपी है उनकी जुबान में जानते है कारणों के बारे में –
माल्या जी का कहना है की सोने की कीमत मुख्य रूप से इन 5 कारणों पर निर्भर करती है –


1 – आर्थिक स्थिति में अनिश्चितता :
सबसे पहला कारण यह है की अगर किसी भी प्रकार का संकट देश में आता है जिसकी वजह से देश की आर्थिक विकाश दर रुक जाती है तो देश का वैश्विक बाज़ार , इक्विटी मार्केट भी प्रभावित होती है। जिससे बाजार में सप्लाई और मांग में के बीच काफी अंतर पैदा हो जाता है जो की निवेशकों को मजबूर करता है की वे अपने निवेश में विविधता लाएं। ऐसे में सभी निवेशक एसेट क्लास की तरफ ज्यादा रुख कर लेते है जिनमे की सोना सबसे पहला और सबसे बढ़िया विकल्प होता है। जिसकी वजह से सभी निवेशक सोना खरीद कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर लेते है भविष्य के लिए। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण है जिसकी वजह से सोने का मूल्य बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। पूरे विश्व में कोरोना महामारी की वजह से ही ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।


2 – देश के सरकार की नीतियां :
भारत की अगर बात करे तो यह विश्व में सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। ऐसे में अगर सरकार कुछ ऐसे नीतिया बनाये जिससे की ब्याज दरों , राजकोषीय तथा सोने के सालाना अधिग्रहण में बदलाव करनी पड़े तो इसका सीधा प्रभाव बाजार की धारणा पर पड़ता है। जिसकी वजह से कीमतों में उतार – चढाव देखने को मिल सकता है। इस तरह के फैसले आर्थिक संकट के परिणामों को देखते हुए लिए जातें है।


3 – बढ़ती महंगाई ( मुद्रास्फीति ):
आर्थिक मंदी से राहत के लिए अक्सर सरकारें अर्थव्यवस्था में तरलता को प्रोत्साहित करती हैं। अब आपको यह लग रहा होगा की इससे क्या होता है ? तो आप सभी को बता दें की इससे लोगो को अतिरिक्त खर्च करने की सुविधा मिल जाती है। और ऐसे में जो डरे हुए निवेशक होते है वो अपना पैसा सोने में निवेश कर देते है जिससे भी सोने के रेट में उतार चढाव हो सकता है।


4 – जनसांख्यिकी ( Demographic ) :
भारत अक्सर अपने डेमोग्राफिक डिविडेंड को लेकर चर्चा में रहता है। यहाँ पर 50 % से अधिक जनसँख्या 40 वर्ष से काम आयु की है। और उम्मीद रहती है की यह युवा वर्ग सोने में निवेश करेंगे बजाय इसके की ये इसे भौतिक संम्पति के रूप में ख़रीदेंगे। इसके लिए सरकार के सोवरिन गोल्ड बांड और डिजिटल पेमेंट गेटवे पर ई-गोल्ड जैसे विकल्पों की सूची दी गयी है।


5 – आय में वृद्धि :
बीते दशकों की अगर बात करें तो देश की अर्थव्यवस्था काफी बढ़ गई है। इसकी वजह से जो मध्यमवर्ग के लोग है उनकी आय में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ बढ़ती आय के साथ सोने में निवेश भी बढ़ जाता है। सोने की खरीद्दारी बढ़ने से डिमांड बढ़ जाता है जिससे सोने के दाम में भी वृद्धि हो जाती है। तो सोने का मूल्य बढ़ने के पीछे यह भी एक कारण है।