जहाँ आज का युवा वर्ग अच्छी नौकरी और अच्छे पैसे के पीछे भाग रहा है वही दिव्या रावत (The Mushroom Girl ) ने यह सब छोड़ कर खुद का व्यवसाय शुरू करने में ज्यादा विश्वाश किया और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर खुद का व्यवसाय शुरू किया। अक्सर लोग खासकर की आजकल का युवा वर्ग खेती किसानी से कोसो दूर भागता है ऐसे लोगो के लिए एक बहुत ही शानदार उदहारण पेश किया है दिव्या रावत ने।
कौन है यह मशरूम गर्ल ? (Who is Mushroom Girl?)
देहरादून के जिला चमौली के एक गाँव की रहने वाली दिव्या आज पूरे जिले तथा पूरे राज्य में मशरूम गर्ल के नाम से प्रसिद्द हैं। दिव्या के पिता ने देश की सेवा की है आर्मी की नौकरी करके। इनके पिता अब नहीं हैं जब दिव्या 12 वीं में थी तभी इनके पिता का देहांत हो गया था। ऐसे में उनका तथा उनके परिवार का सफर काफी मुश्किलों से भर गया था। हालाँकि इन सबसे उबर कर दिव्या ने अपनी 12 वीं की परीक्षा पास की और अपनी आगे की पढाई के लिए नोएडा आ गई। दिव्या ने बी एस डब्लू और एम् एस डब्लू ( मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क ) की पढाई नॉएडा के ही एमिटी यूनिवर्सिटी से पूरी की।


पढाई करने के बाद दिव्या ने करीब 8 कंपनियों में नौकरी किया। दिव्या इतनी सारी नौकरियां बदलती रही क्यूंकि इन्हे अपनी नौकरी से संतुष्टि नहीं थी दिव्या हमेशा कुछ अलग और नया करना चाहती थी। यही कारण था की इन्होने काफी जगह नौकरियां बदली। पर एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।
करीब 8 कंपनियों में नौकरी किया :
नौकरी से संतुष्टि ना मिलने के कारण दिव्या वापस अपने गाँव आ गयीं और देहरादून के ही एक गांव “मोथरोवाला” में एक कमरे से शुरू किया मशरूम कि खेती का बिज़नेस। पहली बार में उन्होंने सिर्फ 100 बैग मशरूम ही उगाये। धीरे धीरे उनका बिज़नेस बढ़ता गया हालाँकि बीच बीच में काफी दिक्कते भी जरूर आयीं होंगी पर अगर आपका हौशला मजबूत है तो दिक्कते आपके रस्ते का रोड़ा जरूर बन सकती हैं पर रस्ते बंद नहीं कर सकतीं हैं। सभी दिक्कतों को पार करती हुई दिव्या ने अपने बिज़नेस को धीरे धीरे पूरे राज्य में फैला दिया।


आज इनके मशरूम पूरे राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी बिक रहें है। और अगर दिव्या कि कमाई कि बात करें तो आज इनका 2 करोड़ से भी ज्यादा का सालाना टर्न ओवर हो रहा है।


इनके इसी लगन और देश कि तमाम महिलाओ के लिए एक रोल मॉडल बनने कि वजह से 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी ने इन्हे सम्मानित भी किया और देहरादून कि राज्य सरकार ने तो इन्हे ब्रांड अम्बेस्डर भी बना दिया। दिव्या के इस कहानी से हम सभी को बहुत ही प्रेरणा मिलती है कि जीवन में एक बार जो ठान लिया उसे जरूर पूरा कर सकते है बस उसके लिए कड़ी मेहनत और लगन कि जरूरत होती है।
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