Mobile Tower Installation: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना पर कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण दिशानिर्देश हैं।
आपको बता दें की इनमे से कई ऐसे मामलें हैं जिनमे न्यायालय के फैसले मुख्य रूप से यह निर्धारित करते हैं कि क्या आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना की जा सकती है या नहीं।


कुछ साल पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे ही एक मामले में फैसला दिया था कि यदि कोई मोबाइल टावर आवासीय क्षेत्र में स्थापित किया जाता है, तो उसकी जगह बदलने की मांग पर समझदारी से विचार करना चाहिए। साथ ही, न्यायालय ने इस फैसले में यह भी कहा था कि ऐसे फैसले आवश्यकता अनुसार और विवेकपूर्वक लेना चाहिए।
इसके अलावा, अन्य मामलों में भी सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया है कि क्या आवासीय क्षेत्र में मोबाइल टावरों को स्थापित किया जा सकता है या नहीं।
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यह निर्णय विवेकपूर्वक लिए गए विवरण और मुद्दों के विचार के साथ लिए जाते हैं।
आवासीय क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना (Mobile Tower Installation) का मुद्दा कई सालों से समस्या का विषय रहा है क्योंकि इनके द्वारा संभव स्वास्थ्य सम्बंधी खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं जिसमे सभी अधिकारियों को सीमाओं का पालन करने की सलाह दी है। टावर के स्थापना से पहले अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि इससे कोई नुकसान न होने वाला हो।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, दूरसंचार कंपनियों को अपनी ज़िम्मेदारी समझकर, वे जानबूझकर और अहमियत के आधार पर मोबाइल टावरों की स्थापना को विचार करना चाहिए।
कोर्ट द्वारा जारी यह निर्देश देश के अन्य न्यायालयों और शासनादेशों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।